आयुष
विभिन्न भारतीय चिकित्सा पद्धतियो को मिला कर, आयुष नाम दे दिया गया है। जिसमें आयुर्वेद, योगा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्यो चिकित्सा पद्धति आते
है। सिद्ध चिकित्सा पद्धति का अस्तित्व रीवा एवं मध्य प्रदेश में नहीं है।
(क) रीवा संभाग अंतर्गत ऐक संभागीय अधिकारी एवं प्रत्येक जिले में जिला आयुष अधिकारी के पद स्वीकृत है।
(ख) जिला सतना एवं सीधी में एक-एक आयुष चिकित्सालय 30 शय्यायुक्त है। इसके साथ सीधी जिले एवं सतना जिले में जिला चिकित्सालय में आयुष
विंग भी की स्थापना है, रीवा एवं सिंगरौली के जिला चिकित्सालय में आयुष क्लीनिक संचालित है।
(ग) रीवा संभाग में एक स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय निपनियॉ रीवा में संचालित है।
(घ) रीवा संभाग के सभी जिलो में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रो में निम्नलिखित संस्थाये संचालित है ।
विशेष –
1- मध्यप्रदेश आयुष मंत्रालय द्वारा रीवा जिले में 05 ग्रामो (टीकर, गुढ, महसॉव, बरौ एवं सुरसा) को आयुष ग्राम के रुप में चिन्हित किया गया
है आयुष ग्रॉम के संचालन का दायित्व प्राचार्य आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा, संभागीय आयुष अधिकारी एवं जिला आयुष अधिकारी रीवा को है।
इन आयुष ग्रामो में निम्नलिखित कार्यक्रम आयोजित किये जाते है –
(क) माह में दो चिकित्सा शिविर प्रत्येक गॉव में लगाया जाता है।
(ख) आयुष ग्रामो में ऑम जन को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की जाती है।
(ग) नशामुक्ति अभियान चलाया जाता है ।
(ध) आयुष ग्राम अंतर्गत आने वाले ग्रामो में औषधि पौधो का रोपण औषधालय, पंचायत भवन, स्कूल एवं सार्वजनिक स्थलो में किया
गया है।
2- विभाग द्वारा विशेष मलेरिया प्रतिरोधी कार्यक्रम वर्षा ॠतु में मलेरियॉ प्रभावित क्षेत्रो में संचालित किया जाता है, जिसमें होम्योपैथिक औषधि
मलेरियॉ आफ-200 का वितरण किया जाता है जहॉ ए.पी.आई. अधिक है प्राय: यह देखा गया है कि इस औषधि के वितरण से मलेरियॉ के
रोकथाम में सहायता मिली हैं।
3- विभाग द्वारा कोविड-19 में विशेष कोरोना वायरस प्रतिरोधी औषधियॉ संभाग में वितरित की गयी है जिसमें लगभग 1402252 लोगो को
औषधि का वितरण किया गया है साथ ही आयुष चिकित्सक/पैरामेडिकल क्वारेन्टाइन सेन्टर एवं स्क्रीनिंग सेन्टर में लगातार ड्यूटी दे रहे है।