संस्कृति और विरासत
बाबा अलाउद्दीन खान (जन्म 1862) ने एक आधुनिक मैहर घराने की नींव रखी जिसे उनके शिष्य रविशंकर ने लोकप्रिय बनाया। बाबा एक बंगाली सरोद विशेषज्ञ और बहु-वादक, संगीतकार थे और 20 वीं सदी के सबसे अधिक लोकप्रिय संगीत शिक्षकों में से एक थे।
विंध्य महोत्सव
विंध्य क्षेत्र की कला और संस्कृति को लोगो तक पहुंचाने के लिए विंध्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है | विंध्य महोत्सव हर साल अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में मनाया जाता है।
महामृत्युंजय का मेला :रीवा जिले में भगवन शिव का महामृत्युंजय का मंदिर स्थित है जहाँ बसंत पंचमी और शिवरात्रि को मेला लगता है। बसंत पंचमी का मेला किला सहित देवतालाब के प्रसिद्घ शिव मंदिर, गुढ़ के भैरवनाथ, सेमरिया स्थित बिरसिंहपुर शिव मंदिर तथा लालगांव के पास क्योंटी में पांच दिन का मेला लगता है। इसी तरह अड़गड़नाथ सोहागी पहाड़ पर अष्टभुजी मंदिर नईगढ़ी, बसामन मामा सेमरिया सहित जिले के शिव मंदिरों में भक्तगण पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं। बसंत पंचमी पर्व पर नई फसलों का भी महत्व रहता है। शिव भक्त जहां बैर के फल, धतूरा, पूजा-अर्चना में शिव भगवान को चढ़ाते हैं वहीं खेतों में तैयार होने वाली गेहूं की बाल, घी, दूध, दही आदि का भी उपयोग पूजा में करते हैं। बसंत पंचमी से मौसम में बदलाव भी आता है और बसंती बयार जहां गर्मी आने का संदेश देती है वहीं पेड़, पौधों में लगे हुए हरे पत्ते पीले पड़ने लगते हैं।