बंद करे

शिक्षा

शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन एवं परीक्षा परिणाम मे सुधार लाने हेतु कार्ययोजना एवं उनका अनुश्रवणः-

माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षा वर्ष 2019 में विगत वर्ष की तुलना में संभाग के जिलों में परीक्षा परिणाम में गिरावट आने के कारण संभाग के चारों जिलों में शंकुल प्राचार्यों एक परिसर एक शाला के संस्था प्रमुखों की जिला स्तर पर समीक्षा सह अनुप्रेरण बैठक आयोजित की गयी, जिसमें कमिश्नर महोदय रीवा ने स्वयं जिले के प्राचार्यों, अधिकारियों एवं शिक्षकों का अनुप्रेरण मार्गदर्शन किया।

उक्त बैठकों के माध्यम से गुणवत्ता में सुधार हेतु निम्नांकित 07 सूचीय निर्देश प्रदान किये गये

1. प्रायोगिक कार्य हेतु व्यवस्थित लैव एवं सत्र के प्रारम्भ से ही प्रायोगिक कार्य कराया जाना।
2. शिक्षकों द्वारा पाठ योजना (लेशन प्लान) तैयार कर उसके अनुसार अध्यापन कार्य कराना।
3. शिक्षकों द्वारा नियमित गृह कार्य का निरीक्षण एवं प्राचार्य द्वारा सैम्पल चेकिंग।
4. प्राचार्य/प्राधानाध्यापक द्वारा स्वयं अध्यापन कराया जाना।
5. शिक्षक डायरी का संधारण।
6. ब्रिजकोर्स/दक्षता संवर्द्धन का विधिवत संचालन।
7. विद्यालय की साफ सफायी एवं परिसर हरा भरा रखना चाहिए, पी.टी.एम. (पैरेण्ट्स टीचर मीटिंग) की मासिक बैठक आयोजित करना।

उक्त विन्दुओं के विद्यालय स्तर पर कार्यान्वयन पर नजर रखने के लिये, मोनीटरिंग एवं कन्ट्रोलरूम स्थापित किये जाने हेतु सहायक संचालक स्तर के अधिकारियों को दायित्व सौपा गया। इस हेतु कमिश्नर महोदय रीवा द्वारा दिनांक 24.09.2019 को संभाग के चारों कलेक्टर महोदयान को पत्र लिखकर योजना की समीक्षा के निर्दंश पारित किये गये। जो शायद संभाग में पहली बार इस तरह के प्रयास प्रशासनिक स्तर पर किये गये। जिला एवं संभाग स्तरीय विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ कमिश्नर महोदय द्वारा अंतरविभागीय अधिकारियों को भी स्कूलों की माॅनीटरिंग कार्य हेतु निर्देशित किया गया, जिसमें अपने विभागीय उत्तरदायित्वों के अनुक्रम में जब अधिकारी क्षेत्र भ्रमण में जाँय तो अपने विभागीय उत्तर दायित्वों के साथ-साथ विद्यालयों का निरीक्षण करें, तथा प्रतिवेदन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण के माध्यम से कमिश्नर महोदय को प्रस्तुत किये जाय। कहना ना होगा की इस व्यवस्था से विद्यालययों के संचालन में जहाँ नियमितता एवं समयबद्धता का विकास हुआ, वही विद्यालयों की वास्तविक स्थिति की पारदर्शिता भी स्थापित हुयी। इन प्रयासों का वर्तमान सत्र 2020 की परीक्षाओं और परीक्षा परिणामों पर भी सकारात्मक प्रभावों की अपेक्षा है। साथ ही सम्पूर्ण विद्यालय के वातावरण पर भी एक अनुकूल प्रभाव की अपेक्षा है।