बंद करे

नवाचारों से संभाग के हाईस्कूल परीक्षा परिणाम में 09 प्रतिशत का उछाल

रीवा संभाग के तत्कालीन कमिश्नर डाॅ. अशोक कुमार भार्गव के नवाचारों से संभाग के हाईस्कूल परीक्षा परिणाम में आया 09 प्रतिशत का उछाल।

हाल ही में माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा घोषित 10 वीं हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम रीवा संभाग के लिए अत्यन्त सुखद व अभूतपूर्व रहा है। रीवा संभाग में गत वर्ष की तुलना में सफल विद्यार्थियों में 09 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि पिछले परीक्षा परिणाम में 06 प्रतिशत की गिरावट आई थी। पूरे प्रदेश में गत वर्ष की तुलना में परीक्षा परिणाम केवल 1.5 प्रतिशत अधिक बढ़ा है जबकि रीवा संभाग की वृद्धि प्रदेश के सभी संभागों में सबसे अधिक अर्थात 9% रही है। इसके साथ ही रीवा संभाग के सिंगरौली जिले में शासकीय विद्यालयों के परीक्षा परिणाम में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है वहीं दूसरी ओर सीधी में 23 प्रतिशत तथा सतना में 17.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन कमिश्नर रीवा संभाग एवं वर्तमान में सचिव, मध्यप्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय ने पिछले शिक्षण सत्र में हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा परिणाम बहुत ही निराशाजनक थे तत्समय ही परीक्षा परिणामों में सुधार का संकल्प लिया और इसमें सुधार हेतु तत्कालीन कमिश्नर रीवां संभाग डाॅ0 अशोक कुमार भार्गव ने नई रणनीति के साथ ही शिक्षा में सुधार हेतु निम्नलिखित सात नवाचारों को प्रभावी ढ़ंग से लागू किया:-
(1) स्कूलों में प्रायोगिक कार्य समय से प्रारंभ कराना तथा प्रयोगशालाओं में सुधार, ताकि विज्ञान शिक्षण प्रभावी हो और विद्यार्थियों में विज्ञान शिक्षण के प्रति रूचि जागरूकता बढ़े।
(2) शिक्षक पाठ्य योजना बनाएं और उसके अनुसार नियमित रूप से छात्रों का पठन-पाठन कराएं।
(3) शिक्षकों द्वारा छात्रों को दिये गये गृह कार्य का नियमित निरीक्षण किया जाए प्राचार्य द्वारा सेम्पल चैकिंग की जाये।
(4) प्राचार्य द्वारा समय-समय पर स्वयं भी अध्यापन कार्य किया जाए।
(5) शिक्षकों द्वारा डायरी का संधारण और निदानात्मक कक्षाओं का संचालन किया जाये।
(6) ब्रिज कोर्स दक्षता संर्वधन का विधिवत संचालन।
(7) विद्यालय में साफ-सफाई को बेहतर बनाना, परिसर को हरा-भरा रखना तथा पैरेन्टस टीचर मीटिंग नियमित से होना।
इन नवाचारों के लागू होने से शिक्षा में गुणात्मक के साथ ही संख्यात्मक सुधार प्राप्त किया जा सका। इस हेतु तत्कालीन कमिश्नर रीवां डाॅ0 अशोक कुमार भार्गव ने संभाग, जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर संकुल प्राचार्य, व्याख्याता व संबंधित शिक्षकों से सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें शिक्षा में गुणात्मक व संख्यात्मक बदलाव के लिए प्रेरणादायी उद्बोधन से प्रेरित कर उन्हें अपने दायित्वों के प्रति सम्पूर्ण उर्जा, उत्साह, लगन व सर्मपणभाव से शिक्षण कार्य करने के लिए जागृत किया।
इसके साथ ही संभाग में 0 से 30 प्रतिशत परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों के सतत निरीक्षण व समीक्षा हेतु संभागीय अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया। स्वयं डाॅ0 भार्गव द्वारा विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण, भ्रमण व प्रशिक्षण के साथ ही अच्छा कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रशंसा पत्र प्रदान किये व लापरवाह शिक्षकों को विधिवत दंडित भी किया गया । तत्कालीन कमिश्नर रीवा डाॅ0 अशोक कुमार भार्गव ने शिक्षा के अधिनियमों के अन्तर्गत छात्रों का शिक्षण कार्य प्रभावित न हो इस हेतु शिक्षकों के बीएलओ के दायित्वो से मुक्ति हेतु प्रभावी पहल कर आवश्यक कार्रवाही सुनिश्चित की।
इस प्रकार डाॅ0 भार्गव के सतत प्रयासों, समीक्षा बैठकों और प्रेरणादायी उद्बोधन के माध्यम से शिक्षा में गुणात्मक एवं संख्यात्मक विकास परिलक्षित हुआ है। संभाग में प्रथम श्रैणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 36540 से बढ़कर 41,763 हो गई अर्थात 5000 से अधिक छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है ।
पिछले वर्ष मैरिट में रीवां संभाग के मात्र 13 विद्यार्थी ही स्थान प्राप्त कर सके थे जबकि इस वर्ष पूरे प्रदेश की 360 छात्र व छा़त्राओं की प्राविण्य सूची में रीवां संभाग के 66 विद्यार्थी स्थान प्राप्त करने में सफल हुए हैं । इस प्रकार गुणात्मक और संख्यात्मक बदलाव के साथ ही रीवां संभाग निचले पायदान से उठकर सम्मानजनक स्थिति प्राप्त कर सका है। पिछले वर्ष 0 से 30 प्रतिशत परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों की संख्या 245 थी जो अब घटकर 103 रह गई है।
तत्कालीन कमिश्नर रीवां संभाग डाॅ0 अशोक कुमार भार्गव ने शिक्षा की महत्ता को व्यक्त करते हुए संक्षेप्त में लेख किया है कि ‘‘ शिक्षा में गुणवत्ता विकास का मकसद विद्यार्थियों को पठनशील बनाना है ताकि उनमें आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, दायित्व बोध, न्याय बोध, विवेक बोध के साथ साथ सामाजिक सरोकारों से आत्मीय जुड़ाव हो सके। विद्यार्थियों में जीवन संग्राम में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की सामर्थ्य निर्मित करने की ताकत शिक्षा से ही मिलती है।
तत्कालीन रीवा कमिश्नर एवं सचिव मध्य प्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग डॉ अशोक कुमार भार्गव ने हाई स्कूल के परीक्षा परिणामों में हुई सम्मानजनक वृद्धि के लिए सभी छात्र-छात्राओं शिक्षकों प्राचार्यो व्याख्याताओं और संयुक्त संचालक शिक्षा डा अंजनी त्रिपाठी सभी जिला शिक्षा अधिकारियों डाइट के प्राचार्यो शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों तथा संभाग के सभी जिला कलेक्टर्स सीईओ जिला पंचायत और छात्रों के अभिभावकों को हार्दिक बधाई दी है।